भारत त्योहारों की भूमि है।और विजयदशमी (दशहरा) उनमें से एक सबसे महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक पर्व है। यह अच्छाई की बुराई पर विजय का प्रतीक है। आइए जानते हैं विजयदशमी से जुड़े 10 रोचक तथ्य, जो इस पर्व को और भी खास बनाते हैं।
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असत्य पर सत्य की जीत: विजयदशमी के 10 रोचक तथ्य। |
1. असत्य पर सत्य की विजय का पर्व:-
दशहरा इस बात का प्रतीक है। कि चाहे बुराई कितनी भी ताकतवर क्यों न हो, अंततः जीत अच्छाई की ही होती है।
2. राम और रावण की कथा से जुड़ा:-
इस दिन भगवान श्रीराम ने रावण का वध किया था। रावण को विद्वान और शक्तिशाली माना जाता था। लेकिन उसके अहंकार ने उसे पतन की ओर धकेल दिया।
3. मां दुर्गा की महिषासुर पर विजय:-
भारत के कई हिस्सों में इसे दुर्गा पूजा का समापन भी माना जाता है। इस दिन मां दुर्गा ने महिषासुर का वध किया था।
4. रामलीला का समापन:-
उत्तर भारत में दशहरे से पहले कई दिनों तक रामलीला का आयोजन किया जाता है। और विजयदशमी के दिन इसका भव्य समापन होता है।
5. रावण दहन की परंपरा:-
देशभर में रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के विशाल पुतले जलाए जाते हैं। जो बुराई के नाश का प्रतीक है।
6. विद्या आरंभ का शुभ दिन:-
दक्षिण भारत में इस दिन को "विद्यारंभ" के रूप में मनाया जाता है। बच्चे अक्षर ज्ञान की शुरुआत करते हैं।
7. अस्त्र-शस्त्र पूजन:-
राजस्थान, महाराष्ट्र और कई जगहों पर इस दिन अस्त्र-शस्त्र और वाहनों की पूजा की जाती है। इसे आयुध पूजन कहते हैं।
8. नौ दिन की नवरात्रि का समापन:-
विजयदशमी नवरात्रि के नौ दिनों के उपवास और दुर्गा पूजा का अंतिम दिन होता है। जिसे उत्सव और उमंग के साथ मनाया जाता है।
9. सीमा पूजा और शमी वृक्ष की मान्यता:-
महाराष्ट्र और कर्नाटक में लोग शमी वृक्ष की पत्तियां एक-दूसरे को देते हैं और इसे "सोना" कहते हैं, जो समृद्धि का प्रतीक है।
10. त्योहारों का संगम:-
यह त्योहार भारत ही नहीं, बल्कि नेपाल और बांग्लादेश जैसे पड़ोसी देशों में भी धूमधाम से मनाया जाता है। हर जगह इसकी मान्यता अलग-अलग कहानियों से जुड़ी है।
निष्कर्ष:-
विजयदशमी हमें यह सिखाती है। कि चाहे अंधकार कितना भी गहरा क्यों न हो, अंततः प्रकाश की ही विजय होती है। यह पर्व न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि जीवन में नैतिक मूल्यों और अच्छे कर्मों की प्रेरणा भी देता है।
By: --deobrat bhaskar
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