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धर्मो रक्षति रक्षितः जीवन में बदलाव के लिए जाने इसका अर्थ।

 धर्मो रक्षति रक्षितः – एक गहन सत्य


भारतीय संस्कृति और दर्शन में एक बहुत ही प्रसिद्ध वाक्य है – “धर्मो रक्षति रक्षितः”। इसका अर्थ है – जो धर्म की रक्षा करता है, धर्म उसकी रक्षा करता है। यह सिर्फ एक श्लोक नहीं, बल्कि जीवन जीने की एक गहरी शिक्षा है।


धर्मो रक्षति रक्षितः जीवन में बदलाव के लिए जाने इसका अर्थ।
 धर्मो रक्षति रक्षितः जीवन में बदलाव के लिए जाने इसका अर्थ। 


• धर्म क्या है?


धर्म का अर्थ केवल पूजा-पाठ या धार्मिक कर्मकांड नहीं है। धर्म का मतलब है – सत्य, न्याय, कर्तव्य और सदाचार का पालन करना।
जब हम अपने परिवार, समाज और राष्ट्र के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाते हैं। तो यही सबसे बड़ा धर्म है। 

जब हम सत्य और न्याय के साथ खड़े होते हैं, तो वह धर्म है।

जब हम कमजोर और पीड़ित की मदद करते हैं, तो वह भी धर्म है।

अर्थात्, धर्म जीवन का वह नियम है, जो हमें सही और गलत में भेद करना सिखाता है।


• क्यों कहा गया – “धर्मो रक्षति रक्षितः”?:-


यह वाक्य हमें समझाता है। कि धर्म कभी व्यर्थ नहीं जाता।

जो व्यक्ति सत्य और न्याय का साथ देता है। कठिन समय में वही धर्म उसकी ढाल बनकर उसकी रक्षा करता है।

जो राष्ट्र धर्म के मार्ग पर चलता है। उसका पतन कभी नहीं होता।

जो समाज धर्म को भूल जाता है। वहां अराजकता और विनाश का वातावरण पैदा हो जाता है।

• इतिहास इसका गवाह है:-

रामायण में जब रावण ने अधर्म का मार्ग अपनाया, तो उसका पूरा वंश नष्ट हो गया।

महाभारत में दुर्योधन और कौरवों ने अधर्म किया, परिणामस्वरूप उनका विनाश हुआ।

वहीं श्रीराम और पांडवों ने धर्म का साथ दिया, और अंततः विजय उनके ही हाथ लगी।


• आज के समय में इसका महत्व:-


आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में हम धर्म को अक्सर केवल मंदिर-मस्जिद तक सीमित कर देते हैं। लेकिन “धर्मो रक्षति रक्षितः” हमें याद दिलाता है कि –

ईमानदारी भी धर्म है। 

न्याय के लिए खड़ा होना भी धर्म है।

पर्यावरण की रक्षा करना भी धर्म है।

नैतिकता और मानवता का पालन करना भी धर्म है।

यदि हम इन मूल्यों की रक्षा करेंगे। तो वही मूल्य हमारी आने वाली पीढ़ियों की रक्षा करेंगे।



• निष्कर्ष:-


“धर्मो रक्षति रक्षितः” कोई साधारण वाक्य नहीं है। बल्कि एक जीवन-दर्शन है। यदि हम धर्म की रक्षा करेंगे। अर्थात् सत्य, न्याय, कर्तव्य और मानवता का पालन करेंगे – तो जीवन के हर संकट में धर्म स्वयं हमारी ढाल बनकर हमारी रक्षा करेगा।


 इसलिए, अपने छोटे-छोटे कर्मों में भी धर्म को जगह देनी चाहिए। क्योंकि वही आपकी सबसे बड़ी शक्ति और सुरक्षा है।


By: --deobrat bhaskar 




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