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overthinking se kaise bache: आइए जानते हैं,तनाव और चिंता से बचने के आसान उपाय।

 हम सबके जीवन में कभी न कभी ऐसा समय आता है। जब हमारा दिमाग़ लगातार इधर - उधर भागता रहता है। जैसे -

बीती हुई बातें, आने वाले कल की चिंता और छोटी-सी बात को बार-बार सोचते रहना और परेशान रहना ही ओवर थिंकिंग कहलाता है। यह न केवल मानसिक शांति छीन लेता है। बल्कि धीरे-धीरे तनाव, चिंता और नींद की समस्या भी पैदा कर सकता है। और शरीर में भी कई तरह की समस्या आने लगती है। 


लेकिन अच्छी बात यह है। कि ओवर थिंकिंग का इलाज है। आइए जानते हैं इसके कारण और कुछ आसान उपाय। जिसे फॉलो कर के आपको काफ़ी अच्छा महसूस होगा। 


overthinking se kaise bache: आइए जानते हैं,तनाव और चिंता से बचने के आसान उपाय।
तनाव और चिंता से कैसे बचें। 


• आइए जानते हैं। ओवर थिंकिंग क्यों होती है:-


1. हमेशा असफलता का डर लगा रहना। 

2. हमेशा भविष्य की चिंता सताना। 

3.  जीवन में आत्मविश्वास की कमी होना। 

4. नकारात्मक अनुभव होते रहना। 

5. अकेलापन या खाली समय अधिक होना


• आइए अब जानते हैं। ओवर थिंकिंग का इलाज और उपाय:-


1. हमेशा वर्तमान में जिएं। 

बीती बातों या आने वाले कल के बारे में सोचने के बजाय वर्तमान में क्या हो रहा है। उस पर ध्यान दें। आने वाले कल के बारे में सोचना बंद कर दें। हर रोज सुबह मेडिटेशन करें। जिससे आपका दिमाग काफी शांत रहेगा। 


2.जीवन में बहुत ही बातें बार - बार दिमाग में घूमते है। उन बातों को लिख डालें:-

अगर दिमाग़ में बहुत-सी बातें घूम रही हैं। तो उन्हें डायरी या नोटबुक में लिख लें। लिखने से विचार हल्के हो जाते हैं और मन शांत होता है।


3. सोचने की सीमा तय करें:-

खुद को सोचने के लिए एक निश्चित समय दें। जैसे 10-15 मिनट। इसके बाद खुद को किसी और काम में व्यस्त कर लें।


4. खुद को व्यस्त रखें:-

खाली दिमाग़ ओवर थिंकिंग की सबसे बड़ी वजह है। किताब पढ़ें, नया स्किल सीखें, वॉक पर जाएं या अपनी पसंद का कोई शौक को पूरा करने के लिए व्यस्त रहें। 


5.  हमेशा सकारात्मक सोच अपनाए:-

अगर ऐसा हुआ तो क्या होगा? ये सोचने की बजाय, ऐसा सोचें कि जो होगा सब अच्छा ही होगा।ये सोचने की आदत डालें इससे आत्मविश्वास बढ़ेगा।


6. नींद और मेडिटेशन पर ध्यान दें:-


overthinking se kaise bache: आइए जानते हैं,तनाव और चिंता से बचने के आसान उपाय।
नींद और मेडिटेशन पर ध्यान दें। 


पर्याप्त नींद लें, व्यायाम करें और हेल्दी भोजन करें। एक स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन रहता है।


7. ज़रूरत पड़े तो मदद लें:-

अगर ओवर थिंकिंग बहुत ज्यादा बढ़ जाए। और रोज़मर्रा की जिंदगी को प्रभावित करने लगे तो किसी काउंसलर या मनोवैज्ञानिक से सलाह लेना सबसे सही कदम है।


8. जीवन में कभी - कभी "ना" कहना सीखें:-

हम अक्सर दूसरों को खुश करने के चक्कर में ओवर थिंक करने लगते हैं। ज़रूरत पड़ने पर साफ़-साफ़ “ना” कहना सीखें। इससे मन का बोझ हल्का होगा।


9. जीवन में छोटी-छोटी जीत का जश्न मनाएं:-

कभी-कभी हम बड़ी सफलता के पीछे भागते हुए छोटी उपलब्धियों को नजरअंदाज कर देते हैं। हर छोटे काम को पूरा करने पर खुद को शाबाशी दें। यह आत्मविश्वास बढ़ाता है। और नकारात्मक सोच को कम करता है।


10. "अगर" और "क्यों" को छोड़ें:-

ओवर थिंकिंग की शुरुआत अक्सर “अगर ऐसा हो गया तो…” या क्यों ऐसा हुआ… से होती है। जब भी ऐसे विचार आएं, तुरंत खुद से कहें। स्टॉप! यह विचार मुझे कहीं नहीं ले जाएगा।


11. कृतज्ञता (Gratitude) का अभ्यास करें:-

हर दिन सोने से पहले 3 चीजें लिखें जिनके लिए आप आभारी हैं। यह आदत नकारात्मक सोच को कम करके सकारात्मकता बढ़ाती है।


12. प्रकृति के साथ समय बिताएं:-

हरियाली, पेड़-पौधों या खुले आसमान के नीचे समय बिताना मन को तुरंत शांत कर देता है। और दिमाग़ को ताज़गी देता है।


13. टेक्नोलॉजी डिटॉक्स करें:-

सोशल मीडिया और लगातार नोटिफिकेशन भी ओवर थिंकिंग को बढ़ाते हैं। दिन का कुछ समय फोन और स्क्रीन से दूर बिताएंगे। 


14. अपने सांसों पर ध्यान दें:-

गहरी और धीमी सांस लेना (Breathing Exercise) आपके दिमाग़ को शांत करता है। और विचारों की भागदौड़ पर ब्रेक लगाता है।


निष्कर्ष:-


ओवर थिंकिंग कोई लाइलाज समस्या नहीं है। थोड़ी-सी जागरूकता, मेडिटेशन, सकारात्मक सोच और नियमित अभ्यास से इसे पूरी तरह नियंत्रित किया जा सकता है। याद रखिए:-


“विचारों पर काबू पाना ही असली आज़ादी है।”



By: --deobrat bhaskar 


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