आचार्य चाणक्य भारत के महान अर्थशास्त्री, कूटनीति एवं राजनीतिक के प्रकांड विद्वान थे। आचार्य चाणक्य ने मनुष्य के जीवन के हर परिस्थितियों पर अपने विचार "चाणक्य नीति" नाम के पुस्तक पर लिखे हैं। चाणक्य नीति आज वर्तमान समय में भी मनुष्य के जीवन की हर समस्या पर मार्गदर्शन करती है।
आईए हम
जानते हैं, चाणक्य के 5 नीति जिसका उपयोग कर के दुश्मनों से आसानी से निपट सकते हैं।
![]() |
दुश्मन से निपटने के लिए अपनाएं ये नीतियां |
1. अपने दुश्मन के इरादे को पहचानने की कोशिश करें:-
आचार्य चाणक्य के अनुसार कई बार दुश्मन हमारे मित्र के रूप में सामने आते हैं। वह हंस- हंस के बात करते हैं। तथा मित्रवत व्यवहार भी करते हैं। परंतु यह व्यवहार दिखावटी होता है। इसलिए बातें करते समय हमेशा सजग रहना चाहिए।
2. दुश्मन को कभी भी हल्के में नहीं लेना चाहिए:-
यदि कोई दुष्ट स्वभाव का व्यक्ति कितना भी विद्वान क्यों ना हो। तथा कितना भी बाहर से सज्जन पुरुष दिख रहा हो। ऐसे व्यक्ति से सावधान रहने की जरूरत है। ऐसे व्यक्ति बाहर से नहीं परंतु अंदर से बहुत ही खतरनाक होते हैं। इन्हें सदा पहचान करने की कोशिश करना चाहिए।
3. दुश्मनों से निपटने के लिए भावनाओं से नहीं बल्कि अपने बुद्धि से काम लेना चाहिए। :-
मनुष्य अपने जीवन में जब कभी किसी से दुश्मनी होता है। तो वह काफी गुस्सा हो जाते हैं। या तो काफी चिंतित रहते हैं। ऐसी स्थिति में जब आप या तो बहुत गुस्से में हों या तो बहुत चिंतित हों। तो ऐसी स्थिति में कोई भी निर्णय दुश्मन खिलाफ न लें। जब मन शांत हो जाए ,तो अपने बुद्धि का इस्तेमाल करके निर्णय लेना चाहिए।
4. दुश्मन को कभी भी अपने बारे में जानने ना दें:-
किसी व्यक्ति से लड़ने के लिए आपने जो भी प्लानिंग बनाई है। उसे दुश्मन को नहीं जानने देना चहिए। दुश्मन को हमेशा गुमराह करके रखना चाहिए। तथा अपना कमजोरी भी दुश्मन से छुपाना चाहिए। अपने तथा अपने परिवार की राज़ की बात भी दुश्मन के सामने उजागर नहीं होने देना चाहिए।
5. अपने दुश्मन की कमजोरी के बारे में पता लगाना चाहिए:-
आचार्य चाणक्य कहते हैं। शत्रुओं पर पक्की विजय प्राप्त करने के लिए दुश्मनों के कमजोरी के बारे में पता लगाते रहना चाहिए। और जब उसकी कमजोरी का पता लग जाए ,तो उसी पर वार करना चाहिए। तथा उसकी सोच और इरादे को भी समझने की कोशिश करते रहना चाहिए।
निष्कर्ष: -
आचार्य चाणक्य के अनुसार लड़ाई हमेशा अपने बाहुबल और हथियारों से नहीं करना चाहिए। पहले अपना बुद्धि तथा नीति का प्रयोग करना चाहिए। क्योंकि नीति शास्त्र से बड़ी-बड़ी लड़ाइयां भी जीती जा सकती है। अतः ये सारी नीतियां सभी को जाननी चाहिए।
By:--deobrat bhaskar sharma

0 टिप्पणियाँ