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Krishna Janmashtami:-जन्माष्टमी की क्या है विशेषताएं

  जन्माष्टमी: भगवान कृष्ण के प्रेम, भक्ति और जीवन मूल्यों का पर्व 

जन्माष्टमी, जिसे श्रीकृष्ण जन्मोत्सव भी कहा जाता है, हिन्दू धर्म का एक प्रमुख और पावन त्योहार है। यह दिन भगवान विष्णु के आठवें अवतार, श्रीकृष्ण जी के जन्म की स्मृति में मनाया जाता है। भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को, मध्यरात्रि में, मथुरा की पवित्र धरती पर भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था।


Krishna Janmashtami:-जन्माष्टमी की क्या है विशेषताएं
Happy Shri Krishna Janmashtami


भगवान श्री कृष्ण जन्म की कथा:-


धार्मिक मान्यता के अनुसार, जब पृथ्वी पर अधर्म, पाप और अत्याचार बढ़ गया था, तब भगवान विष्णु ने श्रीकृष्ण के रूप में अवतार लेकर अत्याचारी कंस का अंत किया। और धर्म की स्थापना की। उनका बचपन नंदगांव और वृंदावन में बीता, जहां उन्होंने माखन-चोरी, बांसुरी की मधुर तान और रासलीला से सभी का मन मोह लिया।


जन्माष्टमी की विशेषताएं:-


1. उपवास और भक्ति – 

भक्त इस दिन व्रत रखते हैं और मध्यरात्रि में कृष्ण जन्म का उत्सव मनाते हैं।

2. झूलनोत्सव – 

मंदिरों में श्रीकृष्ण की मूर्तियों को सुंदर झूलों पर सजाकर झुलाया जाता है।


3. दही-हांडी –


Krishna Janmashtami:-जन्माष्टमी की क्या है विशेषताएं
हैप्पी श्री कृष्ण जन्माष्टमी 


 महाराष्ट्र और अन्य राज्यों में युवक मानव पिरामिड बनाकर ऊंचाई पर बंधी मटकी तोड़ते हैं, जो कृष्ण के माखन-चोरी की याद दिलाता है।


4. भजन-कीर्तन – 

मंदिरों और घरों में श्रीकृष्ण के भजन, कीर्तन और कथा का आयोजन होता है।

भगवान श्री कृष्ण जी के जीवन से सीख:-


धर्म की रक्षा – अन्याय के खिलाफ खड़े होना।

प्रेम और करुणा – सभी के प्रति प्रेम भाव रखना

कर्तव्य पालन – परिणाम की चिंता किए बिना कर्म करना (गीता का संदेश)।

मित्रता और निष्ठा – सच्चे रिश्तों में विश्वास बनाए रखना।


निष्कर्ष:-


जन्माष्टमी केवल एक त्योहार नहीं, बल्कि जीवन जीने की प्रेरणा है। श्रीकृष्ण के उपदेश, उनका नटखटपन का आनंद और उनकी नीतियां आज भी हमें सिखाती हैं कि प्रेम, सत्य और धर्म के मार्ग पर चलकर ही जीवन में सच्ची सफलता और शांति मिलती है।


जय श्रीकृष्ण! 🌼🙏


By: --deobrat bhaskar sharma 

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