हमारे देश में आजकल देश भक्ति के मायने बदलते जा रहे हैं।
हमारे देश में ज्यादातर लोग देशभक्ति को दो खास तारीखों से जोड़कर देखते हैं। पहला 15 अगस्त (स्वतंत्रता दिवस) और दूसरा 26 जनवरी (गणतंत्र दिवस)। इन दिनों स्कूल, ऑफिस और गली-मोहल्लों में तिरंगा लहराता है, देशभक्ति के गीत बजते हैं, और सोशल मीडिया देशप्रेम के पोस्ट से भर जाता है। अब तो घर-घर तिरंगा अभियान भी शुरू हो गया है। लेकिन सवाल ये है कि क्या देशभक्ति सिर्फ इन दो दिनों तक सीमित होनी चाहिए?
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| देश भक्ति सिर्फ एक विशेष दिन सिमट कर नहीं रह सकती |
देशभक्ति तो देश के प्रति अंतरात्मा से निकली हुई एक भावना है, भला यह किसी दिन की तारीख कैसे सीमित हो सकता है। हां ऐतिहासिक दृष्टिकोण से कोई तारीख महत्वपूर्ण हो सकता है। लेकिन देश भक्ति किसी एक तारीख तक सीमित नहीं होना चाहिए।
देशभक्ति कोई त्योहार नहीं है। कि साल में सिर्फ दो बार मनाया जाए। ये तो एक जीवंत भावना है, जो हर दिन हमारे विचारों और कर्मों में झलकनी चाहिए। देशप्रेम का मतलब सिर्फ तिरंगा हाथ में लेकर फोटो खिंचवाना या स्टेटस अपडेट करना नहीं, बल्कि देश के लिए कुछ अच्छा करना है। चाहे वो छोटा काम ही क्यों न हो। हमेशा देश हित में होना चाहिए।
आईए जानते हैं हर दिन देशभक्ति में कैसे जिए जाते हैं:-
1. ईमानदारी से अपना काम करना
अगर हम अपने काम को ईमानदारी करते हैं, तो हम अपने देश को मजबूत बना रहे होते हैं।
2. साफ-सफाई का ध्यान रखना
देशप्रेम का मतलब है, अपने देश को सुंदर बनाए रखना। सड़कों पर कचरा न फैलाना भी देशभक्ति है।
3. संवैधानिक नियमों का पालन करना
ट्रैफिक सिग्नल तोड़ना, टैक्स चोरी करना। ये सारे काम देश के प्रति गैर-जिम्मेदारी व्यवहार को दर्शाती है।
4. समाज में शिक्षा और ज्ञान फैलाना
किसी को पढ़ाना, सही जानकारी देना। ये देश को आगे बढ़ाने का सबसे बड़ा तरीका है।
5. देशी उत्पादों को बढ़ावा देना
लोकल बिज़नेस और मेक इन इंडिया को सपोर्ट करना भी एक तरह की देशभक्ति है।
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| ऐसे मनाएं देश भक्ति का पर्व |
आईए जानते हैं। देशभक्ति दिखाने के कुछ आसान तरीके:-
पेड़ लगाएं, पर्यावरण बचाएं
रक्त दान कर
किसी जरूरतमंद की मदद करें।
भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाएं।
सेना और सुरक्षा बलों का हमेशा सम्मान करें।
निष्कर्ष
देशभक्ति सिर्फ 15 अगस्त और 26 जनवरी तक सीमित नहीं है। अगर हम सच में देश से प्यार करते हैं, तो ये प्यार हमारे हर रोज़ के कामों में दिखना चाहिए। असली देशभक्त वो है ,जो बिना तारीख देखे, देश के लिए हमेशा कुछ न कुछ अच्छा करने का सोचते रहते हैं।
राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त की प्रसिद्ध पंक्ति
जो भरा नहीं है भावों से, जिसमें बहती रसधार नहीं।
वह हृदय नहीं पत्थर है, जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं।।
जय हिंद,बंदे मातरम्
By:--deobrat bhaskar sharma


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