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International tiger day 2025:- क्या बाघ का संरक्षण हो पाएगा, चौंकाने वाली खुलासा सामने आई

 29 जुलाई 2025  को हर साल  International Tiger Day   मनाया जाता है। इस दिन का मकसद है। की लोगों को बाघों के संरक्षण और उनकी घटती संख्या के बारे में जागरूक करना। लेकिन 2025 में सवाल सिर्फ यह नहीं है ,कि हम उन्हें बचा रहे हैं। बल्कि सवाल यह कि टाइगर संरक्षण के मुहिम में लोगों को कितना जागरूक कर पा रहे हैं। और कितने देश इसके लिए काम कर रहे हैं। ये एक सोचने वाली विषय है। 


International tiger day 2025:- क्या बाघ का संरक्षण हो पाएगा, चौंकाने वाली खुलासा सामने आई
इंटरनेशन टाइगर डे 


बाघों का सबसे ज़्यादा संख्या अभी भारत में है:-

भारत में बाघों की संख्या दुनिया में सबसे ज़्यादा है। नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी  के मुताबिक, भारत में फिलहाल 3,682 बाघ मौजूद हैं। ये दुनिया के कुल बाघों का करीब 70% है। उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में इनकी संख्या सबसे अधिक है।


दुनियां में बाघ की संख्या क्यों घट रही है:-

बाघों की संख्या, घटने का सबसे बड़ा कारण जंगल का अवैध रूप से कटाई है। 
बाघों का अवैद्य रूप से शिकार होना। 
तेजी से जलवायु का परिवर्तन होना। 
इंसानों से बाघों का सामना होना। 
इन सारे कारणों के वजह से आज बाघ की संख्या दुनिया भर कम हो रही है। 


बाघों को किस प्रकार संरक्षण किया जा सकता है:-

बाघों का संरक्षण के लिए सरकार तथा बड़े - बड़े NGO को आगे आना पड़ेगा। इसके संरक्षण के लिए ठोस कदम उठाना पड़ेगा। 
अवैद्य रूप से बाघों का हो रहे शिकार पर रोक लगाना होगा। 
स्थानीय लोगों को बाघों के संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाना होगा। 
टाइगर रिजर्व की संख्या बढ़नी चाहिए। 
इस प्रकार हम सारे प्रयास करके ही बाघों का संरक्षण किया जा सकता है। 


निष्कर्ष:-

टाइगर बचाना बहुत ही जरूरी है। क्योंकि टाइगर बचाने के लिए हमें जंगल को बचाना होगा। और जंगल बचेगा तभी हम बचेंगे। क्योंकि जंगल बचेगा तभी जलवायु , हवा और पानी मानव के उपयुक्त रहेगा। 


By:--deobrat bhaskar sharma 


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