पूरी दुनिया में भारत एक ऐसा देश है जहां वैदिक कल से ही धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से पूर्णिमा तिथियों का काफी महत्व दिया गया है। बहुत से लोग इन दोनों को एक ही समझ लेते हैं, क्योंकि यह एक ही तिथि को पढ़ते हैं। इसलिए गुरु पूर्णिमा और आषाढ़ पूर्णिमा दोनों की तिथियां तो एक ही है, परन्तु आध्यात्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से दोनों की मान्यताएं और उद्देश्य अलग अलग है। *क्या है गुरु पूर्णिमा:--
*मुख्य विशेषताएं: -- *वेदव्यास जिसने वेदों को संकलन किया उसकी जन्मदिन के रूप में भी मनाया जाता है। * इस दिन शिष्य अपने गुरु को समर्पण और श्रद्धा के भाव से याद करते हैं, और उनकी पूजा करते हैं।
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| गुरु पूर्णिमा |
*आषाढ़ पूर्णिमा क्या है:- आषाढ़ पूर्णिमा सनातन धर्म के पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास के पूर्णिमा तिथि को कहा जाता है। यह वर्षा ऋतु का शुभारंभ का भी तिथि माना गया है। यह तिथि कई धार्मिक अनुष्ठान के लिए महत्वपूर्ण मानी गई है। कुछ मुख्य विशेषताएं:-- * आषाढ़ पूर्णिमा के दिन महर्षि वेद व्यास की पूजा की जाती है। क्यों कि इसी दिन महर्षि वेद व्यास का जन्म हुआ था। * चार्तुमास का प्रारंभ भी तिथि से होता है। तथा यह माना जाता है कि, साधु, संत और महात्मा एक ही स्थान पर रह कर चार महीने तक तपस्या करते हैं। * इस तिथि से प्रकृति में विशेष परिवर्तन होता है। By:- Deobrat Bhaskar Sharma


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